जानें क्या है भारत और नेपाल के बीच कालापानी विवाद?
भारत के साथ सीमा गतिरोध के बीच इस नए नक्शे में लिपुलेख, कालापानी और लिंपियाधुरा को नेपाल ने अपने क्षेत्र में दिखाया है.

भारत सरकार ने 02 जनवरी 2019 को जोर देकर कहा था कि जम्मू-कश्मीर के पुनर्गठन के बाद जारी किए गए भारत के नए राजनीतिक नक्शे में सीमाओं का सही चित्रण किया गया है. भारत सरकार ने कहा था कि नए नक्शे में नेपाल के साथ लगी हमारी सीमा में किसी तरह का बदलाव नहीं किया गया है.
क्या है विवाद
दरअसल पिछले साल 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर का विभाजन आदेश लागू होने पर भारत ने नवंबर में अपना नया भू-राजनीतिक नक्शा जारी किया था. नेपाल ने इस नक्शे पर आपत्ति जताई थी.
नेपाल का कहना था कि उसके क्षेत्र में होने के बावजूद कालापानी, लिपुलेक तथा लिम्पियाधुरा क्षेत्रों को भारत ने नक्शे में अपना हिस्सा दिखाया है. हालांकि भारत का कहना है कि नए नक्शे में उसके संप्रभु क्षेत्र का सही-सही चित्रण है. भारत का कहना है कि इसमें नेपाल के साथ अपनी सीमा में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
सुगौली संधि क्या है?
नेपाल और ब्रिटिश इंडिया के बीच सुगौली संधि साल 1816 में हुआ था. इस संधि के अंतर्गत नेपाल को अपने नियंत्रण वाले क्षेत्रों से उन सभी हिस्सों पर हक छोड़ना था, जो नेपाल के राजा ने युद्धों में जीतकर हासिल किए थे. इनमें पूर्वोत्तर में सिक्किम रियासत तथा पश्चिम में कुमाऊं और गढ़वाल के क्षेत्र भी शामिल थे. इसमें कालापानी इलाके से होकर बहने वाली ‘महाकाली नदी’ भारत-नेपाल की सीमा मानी गई है.
क्या है कालापानी विवाद?
कालापानी 372 वर्ग किलोमीटर का एक क्षेत्र है. इस क्षेत्र पर चीन, नेपाल और भारत की सीमा मिलती है. वहीं, भारत इसे उत्तराखंड का हिस्सा मानता है जबकि नेपाल इसे अपने नक्शे में दिखाता है.
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